“दिवाली के बाद बकरी की मांग कैसे बढ़ती है | Goat Mandi Bhav Update”

🐐  दिवाली के बाद बकरी की मांग कैसे बढ़ती है |   diwali ke Baad Bakri ki Demand kaise   Badhati Hai |


🌾 परिचय

भारत में बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो पूरे साल चलता है, लेकिन कुछ समय ऐसे होते हैं जब इसकी मांग अचानक बढ़ जाती है। दिवाली के बाद ऐसा ही समय आता है जब बकरी के मांस और बकरियों दोनों की मांग तेजी से बढ़ती है। इस समय किसान अच्छे दाम पर बकरियां बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।


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🎉 1. त्योहारों के बाद मांस की खपत बढ़ती है

दिवाली के दौरान कई लोग शाकाहारी रहना पसंद करते हैं, लेकिन त्योहार खत्म होते ही मांसाहार की खपत बढ़ जाती है। लोग फिर से मटन और बकरी के मांस का सेवन शुरू करते हैं। यही कारण है कि बकरी का मांस मार्केट में तेजी से बिकता है और रेट भी बढ़ जाते हैं।


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💰 2. शादी का सीजन शुरू होता है

दिवाली के तुरंत बाद देशभर में शादी का सीजन शुरू हो जाता है। इस दौरान दावतों में मटन की डिशेस की डिमांड बढ़ जाती है। इससे कसाई और व्यापारी बकरियों को बड़ी मात्रा में खरीदते हैं, जिससे किसान को अच्छा फायदा मिलता है।


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🚜 3. मंडियों में रौनक लूट आती है 

दिवाली के बाद मंडियों में बकरियों की खरीद-बिक्री फिर से तेज़ हो जाती है। खासकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार की मंडियों में बकरियों के अच्छे दाम मिलते हैं।
उदाहरण के लिए:

देसी बकरी – ₹12,000 से ₹18,000 तक

जमनापारी बकरी – ₹18,000 से ₹25,000 तक
(भाव स्थान, नस्ल और वजन के अनुसार बदल सकते हैं)



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🌧️ 4. बरसात के बाद बकरियों के बाद बकरियों की खरीद बढ़ जाती है

दिवाली के बाद बकरी की मांग बढ़ने का एक बड़ा कारण यह भी है कि बरसात के मौसम में ज़्यादातर बकरी पालक नई बकरियां नहीं खरीदते।
बारिश में बकरियों में कई तरह की बीमारियां जैसे खुरपका-मुंहपका, दस्त, बुखार आदि होने का खतरा रहता है। इसलिए किसान उस समय नई बकरी खरीदने से बचते हैं।

लेकिन जैसे ही बरसात खत्म होती है और मौसम साफ होता है, किसान दोबारा अपनी झुंड बढ़ाने के लिए बकरियां खरीदना शुरू करते हैं।
यही कारण है कि दिवाली के बाद मार्केट में खरीदारों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे बकरी के भाव अपने आप ऊपर चले जाते हैं।


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🌱 5. किसानों के लिए सुनहरा मौका

जो किसान दिवाली तक अपनी बकरियों को अच्छी तरह मोटा कर लेते हैं, उनके लिए यह समय बेचने का सबसे अच्छा मौका होता है।
अगर वे चाहें तो कुछ बकरियां संभाल कर रख सकते हैं ताकि अगली ईद या रमजान के समय और ज्यादा मुनाफा कमा सकें।


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🧠 6. बकरी पालकों के लिए सुझाव

दिवाली के बाद अच्छी नस्ल की बकरियों को मंडी में ले जाएं।

बकरियों की सेहत और वजन का ध्यान रखें, ताकि खरीदार को भरोसा मिले।

मंडी के दामों की जानकारी पहले से जुटा लें।

सोशल मीडिया (YouTube या Facebook) पर अपनी बकरियों की फोटो और वजन शेयर करें — इससे ऑनलाइन खरीदार भी मिल सकते हैं।



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🔚 निष्कर्ष

दिवाली के बाद का समय बकरी पालकों के लिए एक सुनहरा अवसर होता है। इस समय अगर किसान सही योजना, सही नस्ल और मार्केट की जानकारी के साथ काम करें तो अपनी मेहनत का दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं।

“लेखक: 
“© Kanash Farming 2025 – सर्वाधिकार सुरक्षित”

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