1. “प्याज की खेती कैसे करें – नए किसानों के लिए पूरी गाइड”

🧅 प्याज की खेती कैसे करे – नए किसानों के         लिए पूरी जानकारी

भारत में प्याज एक महत्वपूर्ण नगदी फसल है, जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है। अगर आप पहली बार प्याज की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो यह गाइड आपके लिए बहुत उपयोगी होगी।


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🌾 १.भूमि की तैयारी ओर खाद  (Soil Preparation & Fertilizer)

प्याज की खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है, जिसमें पानी की निकासी अच्छी हो।

खेत की जुताई 2–3 बार करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए।
उसके बाद खेत में निम्न खाद डालें:

गोबर की सड़ी हुई खाद – 15–20 टन प्रति एकड़

डीएपी (DAP) – 50 किलो प्रति एकड़

पोटाश (MOP) – 25 किलो प्रति एकड़

यूरिया – 30 किलो प्रति एकड़ (दो बार में दें, पहली बार रोपाई के 25 दिन बाद और दूसरी बार 45 दिन बाद)


अगर आपके पास जैविक खाद उपलब्ध है, तो ट्राइकोडर्मा या जीवामृत जैसी देसी विधियों का भी उपयोग कर सकते हैं। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और लागत कम होती है।


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🌱 2. प्याज की किस्में ओर बीज की मात्रा 

प्याज की खेती मुख्य रूप से दो मौसमों में की जाती है:

खरीफ (बरसात के समय) – इसमें लाल प्याज (Red Onion) की किस्में लगाई जाती हैं।

रबी (सर्दी के समय) – इसमें फुरसंगी प्याज उपयुक्त रहती है, जो भंडारण (storage) के लिए सबसे बेहतर है।


बीज की मात्रा:

नर्सरी के लिए 1 एकड़ प्याज की फसल हेतु लगभग 1 किलो बीज पर्याप्त होता है।



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🌾 3.प्याज की खेती के तरीके 

प्याज की खेती तीन प्रमुख तरीकों से की जाती है:

1. ड्रिप इरिगेशन (Drip System) – कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए सबसे बेहतर तरीका।

2. फ्लड इरिगेशन (Flood Method) – जहाँ पर्याप्त पानी उपलब्ध हो।


3. मल्चिंग पेपर से खेती – आधुनिक तरीका, इससे खरपतवार कम होते हैं और नमी बनी रहती है।



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💧 4. सिंचाई प्रबंधन (Irrigation Management)

प्याज की जड़ें गहराई तक नहीं जातीं, इसलिए इसे नियमित नमी चाहिए।

प्याज की फसल में पानी जमा नहीं होना चाहिए, वरना पौधे सड़ सकते हैं।

अगर आपके पास पानी की पर्याप्त सुविधा है, तो फ्लड इरिगेशन करें।

अगर पानी कम है, तो ड्रिप सिस्टम लगाएं — इससे 40–50% पानी की बचत होती है।

प्याज की फसल में कम से कम 5 से 6 बार सिंचाई जरूरी होती है।

कटाई से 10–12 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें ताकि प्याज सूखकर भंडारण योग्य बने।



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🐛 5. रोग ओर कीट नियंत्रण 

प्याज में प्रमुख रोग – जलेबा (Downy Mildew), थ्रिप्स (Thrips) और गुलाबी सड़न (Pink Rot)।

रोकथाम:

फसल में अधिक नमी न रहने दें।

नीम का अर्क या ट्राइकोडर्मा जैसी जैविक दवा का छिड़काव करें।

रोग दिखने पर मैनकोजेब या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें (अनुभवी सलाह के अनुसार)।



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💰 6. लागत और मुनाफा

अगर आप 1 एकड़ में प्याज की खेती करते हैं तो लगभग:

लागत: ₹25,000 – ₹30,000

उपज: 100–120 क्विंटल प्याज

मंडी भाव (औसत): ₹12–₹20 प्रति किलो
➡️ कुल मुनाफा ₹60,000 से ₹1,20,000 तक हो सकता है (मंडी भाव पर निर्भर)।



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🧺 7. भंडारण (Storage)

अगर आप प्याज को लंबे समय तक संग्रह (storage) करना चाहते हैं, तो फुरसंगी प्याज की किस्म लगाएं।
यह सूखने के बाद खराब नहीं होती और 3–4 महीने तक सुरक्षित रहती है।

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📌 निष्कर्ष

प्याज की खेती मेहनत और सही तकनीक का मेल है।
अगर आप सिंचाई, किस्म चयन और रोग नियंत्रण का ध्यान रखें, तो यह खेती छोटे और नए किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय बन सकती है।

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